Tuesday, 22 December 2015

Holy Basil




English name:Holy Basil

In India ,Ocimum sanctum is considered as a sacred plant and it's medicinal properties are very well-documented in Ayurveda .The leaves of O sanctum are used for treating cough bronchitis ,bacterial and viral infection and halitosis .In traditional systems of medicine it is used as an expectorant ,antipyretic,and stomachic agent .It has been found to be effective in the treatment of respiratory tract disorders such as bronchitis ,asthma ,influenza,cold and cough 

Sunday, 20 December 2015

Destructive Effect Of Painkillers




Everyone knows the side effect of painkillers, but no one aware about the destructive effect of those “killers”

Killing pain is not a treatment, its killing your health by giving positive conditions to grow your disease big.
Pain is not just a symptom; it’s a self-defense mechanism of our body which says us to restrict movement or to take rest.
For eg: a person with degenerated knee is having pain, to reduce further degeneration, and to create a positive atmosphere for the self-repairing by restricting mobility.
So painkillers are not just killing pain, its killing body’s self-repairing ability.
The only thing painkillers can do is to prepone the knee replacement surgery as early as possible by increasing rate of degeneration.

Friday, 18 December 2015

Build strong bones



Nowadays, increasing the popularity of body building gym and exercise with the people even more to protein intake, so that they look strong, but they would not know which of His strong body structure is based on that structure how weak are done. Some foods intake reduces bone density, thereby raising the risk of osteoporosis is large. Let's learn from Kaunn these foods -
Compost material which could reduce the density of the bones
Some manure and nutrient substances may reduce bone density is large and expected to Ostoprisis. Let us know what substance to these threats should be taken correctly. We are well aware of the bone strengthening calcium and vitamin D are appropriate for us.
Protein
The protein is required for strong bones, but if you take more than the amount of protein from the bones of you says sulfate brine fluid that comes out, it falls on the bones Impact bad. These are mostly animal and vegetable protein is Protine. Harvard Medical School and a research has shown that the consumption of red meat once a week than women, women are more prone to fracture which are consumed red meat five times a week.
Sodium
The amount of sodium intake Kailshyam the sweat and urine path is jut out, which weakens bones. Sodium in salt is usually eat, which I should not take more simply. Washington State University professor of human Nutrisn according to Linda if you take 2,300 mg sodium, 40 mg calcium in the urine, then you are out.
What precautions should be taken
Kailshyam
Calcium and vitamin D are insufficient to offset the losses in the bones by the salt can be. Adults 50 years of age minimum daily requirement of calcium is 1,000 mg, which may be obtained from the three glasses of milk. The 60 Lav age and more people have the requirement of 1,200 mg calcium.
Should have adequate amounts of vitamin D, the best source of natural sunlight, milk, egg, fish and supplements etc. can be. It should continue to take an adequate amount of vitamin D is useful in strengthening your bones.

"... How useful turmeric milk ..."



Both turmeric and milk are beneficial to your health. And if found, taken together these benefits are doubled.
Are very beneficial turmeric milk
On the other hand, where the milk is rich in calcium is in turmeric antibiotic. Both are very beneficial to your health. And, taken together had doubled their advantage .
Beneficial to respiratory problems
Turmeric has anti-microbial properties, so take it with hot milk, asthma, bronchitis, lung problems like cough and sinus relief in that. This spice brings warmth in your body and instantly relieves stiffness in the lungs and sinuses. It also helps to fight bacterial and viral infections.
Reduce Obesity
Turmeric milk drink reduces excess fat accumulated in the body. Minirl calcium and other nutrients it contains and supports the weight loss occur.
Strengthen bones
Due to the presence of calcium in milk and turmeric antioxidant turmeric milk bones strong as well as the body's immune system is still growing. Turmeric bones by drinking milk losses and reduces the problem of Ostiaoporesis.
Blood Clean
Ayurvedic tradition turmeric in milk is considered an excellent blood purifier. The blood thinners clears blood vessels impurities. And strengthens blood circulation in the body.
Beneficial to digestive problems
Is a powerful anti-septic turmeric milk. It Pea with healthy intestinal ulcers and also helps in the treatment of colitis. The drug is better digestion and ulcers, diarrhea and indigestion problems do not occur.
ease the pain
Turmeric milk intake are diagnosed arthritis. Along with its Riumetoid an inflammatory arthritis is used to treat. Just makes it flexible and muscles causing pain is reduced.
Deep sleep help
Turmeric Tryptofn the amino acid in the body which makes the peace and deep sleep is helpful. So you have to be able to sleep well at night or when you are getting restless half hour before bedtime drink milk with turmeric. This deep sleep will you come and sleep problems will be solved.

गंजापन




पुरुषों में गंजापन (Baldness) एक आम समस्या है। दरअसल गंजापन एक परिस्थिति है जिसमें पुरुषों के सिर पर या तो कहीं बाल नहीं होते हैं या फिर कम बाल होते हैं। गंजापन को चिकित्सकीय भाषा में एलिपिसिया (Alopecia) कहते हैं।
गंजेपन में सबसे गंभीर स्थिति होती है जिसमें आदमी के सिर में एक भी बाल शेष नहीं रहता है।
गंजेपन की स्थिति बालों के अधिक गिरने के साथ उत्पन्न होती जाती है। वैसे आमतौर पर बाल धोने के दौरान मानव के औसतन प्रति दिन 250 बाल गिरते हैं।
गंजापन के लक्षण
कंघी करते हैं और बालों का गुच्छा आपके हाथों में होता है
तनाव होना
बाल आपके कपड़ों के साथ भी चिपके होते हैं
बालों का गिरना : आमतौर पर हमारे रोज़ 20 से 50 बाल गिरते हैं। सर में रुसी होने से भी बाल झड़ते हैं, अगर इससे ज्यादा बाल झड़ते है तो रुसी भी कारण हो सकती है
बालों का झड़ना (Baldness)
बालों में हाथ डालते हैं, तो आपके बाल हाथ में आ जाते हैं
Baldness
गंजापन के कारण (Reasons of Baldness)
गंजापन मुख्य तौर पर बालों की जड़ों (Hair Follicles) के अवरुद्ध हो जाने या बंद हो जाने के कारण होता है। पुरुषों में गंजेपन की शिकायत सबसे ज्यादा होती है। इसकी कई वजहे हैं:-
हार्मोनल बदलाव
एजिंग
आनुवांशिकता
शरीर में आइरन व प्रोटीन की कमी
वजन का तेजी से घटना
ज्यादा मात्रा में विटामिन ए का सेवन
बालों की जड़ों में संक्रमण
ट्रॉमा
गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन
दवाओं के साइड इफेक्ट
तनाव
महिलाओं में प्रसव के दौरान
महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान
कैंसर के इलाज कीमोथेरेपी के बाद
टाइट हेयर स्टाइल
थायराइड की बीमारी
बालों में डाय, कलर और केराटिन हेयर ट्रीटमेंट से
डायट में बदलाव करने से
लंबी और गंभीर बीमारी से
एनीमिया होने पर
एनाबोलिक steroids गोली खाने से
सामान्य उपचार
गंजापन के सामान्य उपचार (General Treatments for Baldness)
बालों के लिए दही कंडीशनर का काम करता है। यह बालों के गंजेपन को दूर करने में काफी काम करता है।
प्याज में मौजूद सल्फर सिर में रक्त के प्रवाह को तेज करता है। जिससे गंजपन की बीमारी ठीक हो सकती है।
चुकंदर के पत्तों को मेंहदी के पत्तों के साथ ग्राइंडर में पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगा गुनगुने पानी से धोने से काफी असर दिखेगा।
गंजेपन से लड़ने के लिए नींबू के रस को कई तरह के तेलों में मिला कर लगाएं और सिर की मालिश करें।
मेंथी के बीज को कूट कर पेस्ट बना लें और सिर में जहां बाल नहीं है वहां लगा लें। एक घंटा तक पेस्ट लगा हुआ छोड़ दें। बाद में सिर को पानी से धो लें। काफी असर होगा।
रात में सोते समय बालों की मालिश नारियल तेल से दस मिनट तक करें।
गंजापन के इलाज के लिए ऐलोवेरा जेल को सिर में लगाएं और अच्छी तरह से सिर की मसाज करें।
अरहर की दाल को पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, जल्द ही असर दिखने लगेगा।
गंजेपन से बचने के लिए अरंडी के तेल को सिर में लगा कर अच्छी तरह से मसाज करें।
गंजापन दूर करने के घरेलू और हर्बल उपाय (Herbal And Home Remedies For Baldness)
बालों के झड़ने को रोकने के लिए तो हम-आप लाखों जतन करते हैं, मगर गंजापन को अंतिम नियति मान कर कोई उपाय करना ही छोड़ देते हैं। हम मानते हैं कि इसका एक ही उपाय है – हेयर ट्रासप्लांट या फिर सर्जरी।
आपको इतनी जल्दी निराश होने की जरुरत नहीं है। हेयर ट्रासप्लांट या फिर सर्जरी में लाखों रुपये खर्च करने से बेहतर है कि अगर आप कुछ घरेलू और कुदरती नुस्खों (Herbal and Home Remedies for Baldness) को आजमाएंगे तो संभव है रेगिस्तान में भी दरख्त उग आएं।
आइए जानते हैं उन कुदरती उपायों के बारे में जिससे गंजापन को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. अरंडी का तेल (Castor Oil)
अरंडी का तेल गंजापन को दूर करने का सबसे कारगर दवा है। यह एक आद्रर्क यानि मॉस्चराइजिंग एजेंट की तरह काम करता है। यह बाल और त्वचा की कई और समस्याओं में काम करता है। गंजेपन को भगाने के लिए आपको बस और कुछ नहीं अपने हथेली पर थोड़ा अरंडी का तेल लें और इसे सिर में लगा कर अच्छी तरह से मसाज करें। यह आपके बालों की जड़ों को पोषण देगा और बहुत जल्द आपके सिर पर बाल उगने लगेंगे।
2. अरहर की दाल (Toor Daal)
गंजेपन की इलाज के लिए अरहर की दाल भी बेस्ट है। अरहर की दाल को पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, जल्द ही असर दिखने लगेगा।
3. ऐलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)
ऐलो वेरा एक हर्बल पौधा है और यह बाल और त्वचा के लिए काफी ही प्रभावकारी दवा है। ऐलो वेरा जेल बालों के ग्रोथ में काफी काम करता है। गंजापन के इलाज के लिए कुछ नहीं बस ऐलोवेरा जेल को सिर में लगाएं और अच्छी तरह से सिर की मसाज करें। जल्द ही असर दिखने लगेगा। यह बालों की जड़ में बंद हुए छिद्र को ख

7 आदतें जो हैं आपकी किडनी की दुश्मन



किडनी हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन अनजाने में आपकी कुछ आदतें आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा देती हैं। जैसे कम पानी पीना, ज्यादा नमक खाना आदि।
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आपकी आदतें आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं
हमारे शरीर में खून साफ करना, हार्मोन बनाना, मिनरल का अवशोषण, यूरीन बनाना, टॉक्सिन्स निकालना और एसिड का संतुलन बनाए रखने जैसे सारे जरूरी काम किडनी करती है। इससे आप समझ ही गए होंगे कि किडनी हमारे शरीर का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन अनजाने में आपकी कुछ आदतें आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा देती हैं। आइये जानते हैं हमारी जीवनशैली से जुड़ी ऐसी ही 7 खराब आदतों के बारे में जो हमारी किडनी को खराब कर सकती हैं।
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कम पानी पीना
पानी हमारे शरीर की जरुरत है। पानी कम पीने से किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। किडनी खून साफ करती है और खराब चीजों को शरीर से अलग करती है जिसमें पानी की बड़ी भूमिका है। अगर आप पानी कम पियेंगे तो टॉकिन्स छनने के बजाय आपके शरीर में इकट्ठा होने शुरू हो जाएंगे।
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अधिक नमक का सेवन
कुछ लोग जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं। शायद वो नहीं जानते कि उनकी ये आदत उनकी किडनी की सेहत पर कितनी भारी पड़ सकती है। अधिक नमक लेने से शरीर में सोडियम बढ़ता है जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। इससे किडनी पर बल पड़ता है। इसलिए दिन में 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन न करें।
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यूरीन प्रैशर को रोकना
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो यूरीन या पेशाब को रोक कर रखते हैं। यूरीन या पेशाब के प्रैशर को रोकना भी किडनी से संबंधित समस्याओं को बढ़ा देता है। इस गलत आदत से किडनी में पत्थरी या किडनी फेल होने जैसी दिक्कत भी हो जाती है।
5
ज्यादा मीठा खाना
ज्यादा मिठाई खाने की आदत भी आपकी किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। दरअसल, अधिक मीठी डाइट के सेवन से यूरीन से प्रोटीन निकलने लगता है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो समझ लें कि आप किडनी से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं।
6
ज्यादा पेनकिलर खाना
बात-बात पर पेनकिलर खाने से ‌भी किडनी पर गलत असर पड़ता है। बहुत सी पेनकिलर का साइड इपेक्ट किडनी व लिवर से जुड़े रोगों के रूप में सामने आता है। इसलिए, पेनकिलर सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही लें।
7
कम नींद लेना
जरूरत से कम नींद लेने से भी किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। नींद के दौरान किडनी की कोशिकाओं में पहुंचने वाली क्षति की भरपाई होती है। नींद न लेने से मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है और किडनी फिट नहीं रहती। इसलिए कोशिश करें कि भरपूर नींद लें।
8
धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन
धूम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से कई गंभीर समस्याएं तो होती ही हैं (विशेषकर फेफड़े संबंधी रोग) लेकिन इसके कारण ऐथेरोस्कलेरोसिस रोग भी होता है। जिसकी वजह से रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है। इसलिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन ना करें।

Thursday, 17 December 2015

Cigars and Pipes Could Take Your Breath Away





Cigar and pipe smoking increasingly popular in recent years raises the risk of cancers of the mouth ,lip,throat,and lungs,as well as heart disease.
A recent study in the Annals Of Internal Medicine has shown that it also more than doubles the risk of decreased lungs function and breathing problems which contribute to chronic obstructive pulmonary disease .Many cigar and pipe smokers claim they do not inhale but the study found significant absorption of the smoke .compared to cigarettes both cigars and pipes produce more second hand smoke which harms bystanders as well as the smoker

Monday, 14 December 2015

Health From Herbs

           Cissus quadrangularis







Cissus quadrangularis is an indigenous medicinal plants of india.Ancient ayurvedic literature mentons its use as a general tonic and analgesic .It is also known to be a potent antiosteoporotic antiarthritic agent.

its root and stem are very useful infusion healing of fracturesthe stemextractis administered orally as well as topically on broken bones for rapid fracture of back Spine and muscular pain .
phytochemical studies reveal the presence of triterpenes ,ketostero,phenols tannins carotene, vitamin c flavonids, quercetin and kaempferol in the whole plant extract.

In an experimental study paste of alcoholic extract of c quadrangularis was applied locally and administered intramuscularly to albino rats for fracture healing
The treated group showed rapid development of cortical bone and trabeculae which may be due to high level of calcium phosphorous and phytoestrogenic steroids in the extract .The treated group also showed early bone regeneration and remineralization thus demonstration the rapid fracture healing property of C quadrangularis .
Another recent research regarding the effects of the C quadrangularis extract osteoblast differentiation and function was done using murine osteoblastic cells
The results of this study suggest that C quadrangularis may regulate osteoblastic activity of the cell by enhancing the alkaline phosphate activity and mineralization process .

Saturday, 12 December 2015

Era of Antibiotic Resistance





Antibiotics are commonly prescribed for the treatment of respiratory tract infections (RTIs) of different etiologies.As there is difficulty in establishing bacterial etiology at the tie of prescription,antibacterial therapy of RTIs is usually empirical considering the presence of risk  factors and severity of disease .In this effort ,injudicious antibiotic resistance.

Resistant bacteria continue   to multiply in the presence of therapeutic levels of an antibiotic.Some bacteria are innately resistant to certain antibiotics.Antibiotic resistance is particularly prevalent among common etiologic pathogens associated with community acquired RTIs ,including streptocococcus pneumoniae,Haemophilus,Influenzae,Moraxella catarrhalis,and to a lesser degree ,Streptocococcus pyogenes .
The relationship between antibiotics exposure and development of antibiotic resistance at the patient levels and community level is well established.Data show a direct correlation between the use of antibiotics and resistance.Countries with a higher consumption of antibiotics show higher rates of microbial resistance.

The center's for Disease Control and Prevention (CDC)has estimated that more than 100 million antibiotic prescriptions are written each year in the ambulatory care setting.in addition to antibiotics prescribed for upper RTIs with viral etiologies broad spectrum antibiotics are used too often when a narrow spectrum antibiotic would have been just as effective.This misuse of antibiotics has led to the development of antibiotics resistance.

Wednesday, 9 December 2015

LEECH THERAPY

Raktamokshana Magic Of Ayurveda





Leech therapy has shown drastic result In patients with Pain Disorders,Psoriasis,Eczema,Swelling and all other kind of skin infection.

Leeches are worms with suckers on each end Leeches can range in size from a half of inch to ten inches long.They are brown or black in color .Some feed on decaying plant material other's are parasites feeding on blood and tissue of other animals.
According to Ayurveda Leech at first bite only sucks impure blood from the skin and  only the pure blood is left so it is a blood purification therapy later when it starts sucking pure blood the patient feels pain




Blood sucking Leeches suck your blood using two ways they use a proboscis to puncture your skin,or they use their three jaws and millions of little teeth.

They live just about anywhere where water is .But Leeches are still being used to suck blood ! The leech can remove any congested blood to allow normal circulation to return to the tissue ,thus preventing gangrene from starting                                                                                                                             Storage Of Leeches
Leeches are stored in a glass aquarium filled with up to 2/3 by non -chlorinated water,covered by fabric with a good elastic or threads band (Leeches can crawl out without it the smallest hole is big enough for them)
Keep in mind leeches must breathe (They can breathe through fabric but not through a plastic cover)Change the water every 3-6 days (Depends on quantity of leeches in a jar) clear water that is free from chlorine is necessary for maintaining leeches.Avoid placing leeches in chlorinated water .Do not use distilled water along since it's extreme purity can be harmful to the leeches metabolic balance.

Indication Of Leech Therapy are:
.Eczema
.Psoriasis
.Osteoarthritis
.Rheumatoid arthritis
.Cellulities
.Sciatica
Inflammatory Reactions
Safety And Adverse Affect Of Leech               Therapy
Leech therapy rarely ever leads to serious complications the local pain of treatment and shorterm itching are regular side effects .